पाते सॉठ छत्तीसगढ़ी ह राज भाखा के दरजा।
आधा होगे भोड़ बदउर आधा परगे करगा।।
आधा होगे भोड़ बदउर आधा परगे करगा।।
कोन जनतय ये जामत पेड़वा ल।
सबो डिले परे इहें हरहा गरवा ल।।
घरवाले ल थोरके फुरसद नइये।
सरकार तो बनिहार भरोसा भइगे।
बोते सॉठ थरहा ल निपोरे जइसे बरखा।
सबो डिले परे इहें हरहा गरवा ल।।
घरवाले ल थोरके फुरसद नइये।
सरकार तो बनिहार भरोसा भइगे।
बोते सॉठ थरहा ल निपोरे जइसे बरखा।
नंजतिया ह आंखी मटकावत हे।
दिगर भाई खधवन मिंझारत हे।।
कतको के आरूग चोला बिसरगे।
बांचे ह मानक के लूकी म जरगे।
बनते सॉठ आयोग म आगे करिया मिरगा।
दिगर भाई खधवन मिंझारत हे।।
कतको के आरूग चोला बिसरगे।
बांचे ह मानक के लूकी म जरगे।
बनते सॉठ आयोग म आगे करिया मिरगा।
नवा-नवा कहिके अपनेच मेछा नवावथे।
हीराराल के 1884 के सिरजन भुलावथे।
का काया लहुटही 8वीं अनुसूची म जूरे ले।
राज-काज बोल-चाल बर गतर नी चले।
उलटे सॉठ मुंह म फूटथे भाखा कुछू अऊगा।।
हीराराल के 1884 के सिरजन भुलावथे।
का काया लहुटही 8वीं अनुसूची म जूरे ले।
राज-काज बोल-चाल बर गतर नी चले।
उलटे सॉठ मुंह म फूटथे भाखा कुछू अऊगा।।
- जयंत साहूडूण्डा - रायपुर छत्तीसगढ़ 492015
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मया आसिस के अगोरा... । जोहार पहुना।