मेला मड़ई : छत्तीसगढ़ी गीत

जोही बइला गाड़ी संभराना,
हमु मेला मड़ई किंजर आतेन।
बड़ पावन हे कातिक पुन्नी,
हमु महानदी म नंहा आतेन।।

भीड़-भड़क्का म धीरे हांकव गाड़ी,
दुरिहा रद्दा सुरता लेवा थोरी।
आनी-बानी खजानी के होट होही,
मया के जिनीस बिसा के जोड़ी।
हमु मेला के मजा उड़ा आतेन। जोही...

संगी सहेली संग रईचुली चघे हे,
गजब डेलवा झुले के साध लगे हे।
टिकली फुंदरी ले मन बरे हे,
मया के माहूर ले पांव रचे हे।
हमु ढेलवा म झुल आतेन। जोही...

बिन चिन्हा के हथेरी सुन्ना लागथे,
गोदना वाली के आरो मिलथे।
हाथ म हिरौंदी हीरा नाव लिखाथे,
माहर-माहर येकर इत्तर मिलथे।
हमु मया के चिन्हा गोदा आतेन। जोही...

-  जयंत साहू
पता-: डूण्डा वार्ड नंबर 52 रायपुर छत्तीसगढ़ 492015
Mobile-: 9826753304
Email-: jayantsahu9@gmail.com

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