नाहना बिगर बुलक जथे जुड़ा,
टेकनी बिगर उलर जथे धुरा,
बंधना बिगर बोचक जथे मुड़ा,
जतनी बिगर बिगड़ जथे टूरा।
मेछरावत पड़वा म मुरक्का मार,
हरहा गरवा म गरलगी डार,
थरहा बचाना हे त गोहड़ी बिदार,
बेहरवा टूरा ल तुरते सुधार।
अदरा ल सिखे पढ़े के संगत धरा दे,
निसंसो होके सगा घर लउठी मड़ा दे,
बाढ़हे-खोचे उमर हे त मड़वा गड़ा दे,
खुटा अरझा के टूरा के चेत चड़ा दे।
टेकनी बिगर उलर जथे धुरा,
बंधना बिगर बोचक जथे मुड़ा,
जतनी बिगर बिगड़ जथे टूरा।
मेछरावत पड़वा म मुरक्का मार,
हरहा गरवा म गरलगी डार,
थरहा बचाना हे त गोहड़ी बिदार,
बेहरवा टूरा ल तुरते सुधार।
अदरा ल सिखे पढ़े के संगत धरा दे,
निसंसो होके सगा घर लउठी मड़ा दे,
बाढ़हे-खोचे उमर हे त मड़वा गड़ा दे,
खुटा अरझा के टूरा के चेत चड़ा दे।
- जयंत साहूडूण्डा - रायपुर छत्तीसगढ़ 492015
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
मया आसिस के अगोरा... । जोहार पहुना।