मोर ददरिया : छत्तीसगढ़ी गीत

मोर ददरिया रोवे, जाने कोन करार म।
चिन्हा परे हे, ये दर्री अउ कछार म।
नंदिया होगे वो-नंदिया होगे रे,
तोर आसु के धार म।।

जिनगी हाबे फेर जान नइहे, आंखी म तोर बिन अऊ आन नइहे।
परे हाबे पथरा कस परान धरे, बिना तोर जीये के नइ मन करे।
मोर ददरिया जीये, जाने कोन आस म।
सांस अरझे परे हे, हिरदे के फांस म।। नंदिया होगे ...

मया भगागे मोर बिन पांव के, पता लिखवं येमा कोन गांव के।
जा रे चिठिया खोज खभरिया, कोन देश म बिहागे रे सावरिया।
मोर ददरिया खोजे, जाने कोन बांट म,
खत लटके परे हे, ये बंबूर के आंट म। नंदिया होग ...

पिरित ल कइसे भरम जानवं, दगादारी ल कइसे करम मानवं।
जिनगी उजार के घर बसालेस, लहू के लाली ल माहूर बनालेस।
मोर ददरिया दिखे जाने कोन कांछ म,
जिया जरत परे हे, ये सेंदुर के आंच म। नंदिया होग...
नंदिया होगे वो-नंदिया होगे रे,
तोर आसु के धार म।।

-  जयंत साहू
डूण्डा - रायपुर छत्तीसगढ़ 492015

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