बधाई हो बधाई : छत्तीसगढ़ी कविता

बधाई हो बधाई नवा साल के रे भाई ।
सदी के दसवा अंजोर म नव के बिदाई ।।

सुख अउ दुख के रही आना जाना,
समय के फेरा म जिनगी हे बिताना,
ऐके आवत ऐके जात का के करलाई।
बधाई हो बधाई नवा साल के रे भाई।


गांव गली म नवा उमंग छाए,
नंदिया नरवा सोहर मंगल गाए,
फुले फुल ले गजब फुलवारी ममहाई।
बधाई हो बधाई नवा साल के रे भाई।

गला लगाव दिन दुखिया के दरद,
बड़ाव अपन भारत भुइया के गरब,
करनी करम के जग म होही बढ़ाई।
बधाई हो बघाई नवा साल के रे भाई

नवा बच्छर म नवा परन करव,
सदा सत अहिंसा के रटन धरव,
चलव इही संकलप के दिया ल जलाई।
बधाई हो बधाई नवा साल के रे भाई।
सदी के दसवा अंजोर म नव के बिदाई।।

-  जयंत साहू
डूण्डा - रायपुर छत्तीसगढ़ 492015

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