तोला देख-देख जिये के मन करथे जवांरा,
फेर काबर जब-जब तोला देखथवं
मर जथवं कुवांरा।
हिरदे म तही मोर सांस बनके धड़कथस,
फेर काबर जब-जब मै सांस लेथवं
थम जथे ये जिवरा।
तोर आय ले संझा अउ जाय ले बिहनीया जानेवं,
फेर काबर जब-जब तै आथस
ठाहरे नही ये बेरा।
सुते म तै जागे म तै समाये हस आखी भितरी,
फेर काबर जब-जब तोला देखथव
लजाथे नयन बिचारा।
फेर काबर जब-जब तोला देखथवं
मर जथवं कुवांरा।
हिरदे म तही मोर सांस बनके धड़कथस,
फेर काबर जब-जब मै सांस लेथवं
थम जथे ये जिवरा।
तोर आय ले संझा अउ जाय ले बिहनीया जानेवं,
फेर काबर जब-जब तै आथस
ठाहरे नही ये बेरा।
सुते म तै जागे म तै समाये हस आखी भितरी,
फेर काबर जब-जब तोला देखथव
लजाथे नयन बिचारा।
- जयंत साहूडूण्डा - रायपुर छत्तीसगढ़ 492015
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मया आसिस के अगोरा... । जोहार पहुना।