जोत के बाती : छत्तीसगढ़ी गीत

लक लक लक तोर खप्पर बरे।
दाई जोत के बाती नव रूप धरे।। ...लक लक लक..
कभु दुर्गा कभु गौरी...
कभु कालका, कभु चंडी अवतरे।।

बदना के फुलवारी, तोर दुवारी।
मनौती के अरजी, धरे नर नारी।
कभु ज्योति कभु जवांरा...
कभु लिमवा, कभु मारन मारे।। ...लक लक लक..

जस म बिधून हे तोर लंगुरवा।
दाई-दाई चिल्लावथे दुलरवा।।
कभु सांग कभु बाना...
कभु सोटा, कभु बम किलकारे।। ...लक लक लक..

नव दिन नव राती जो सेवा बजाए।
शीतला महमाया के आसिस पाए।।
कभु दुख कभु दरिदरी...
कभु संतन, कभु दर्शन दे डारे।। ...लक लक लक..

-  जयंत साहू
डूण्डा - रायपुर छत्तीसगढ़ 492015

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