इंटरनेट म छत्तीसगढ़ी : छत्तीसगढ़ी कविता

इंटरनेट म तको बाजाथाबे छत्तीसगढ़ के डंका।
वेब, ब्लॉग, टवीटर अउ युट्यूब म घलो झांका।।

देश दुनिया बांचत हे किस्सा, कहिनी, कविता, बियंग।
भाखा के सरेखा बर अगुवा गुरतुर गोठ रमे हे मतंग।।
दउड़त दुनिया म घिरलत नइहे उड़ाबो अबतो संसगा...

अड़हा के गोठ, चारीचुगली, मयारू माटी, ब्लॉग गुड़ी।
छत्तीगसढ़ी गीत संगी, मितानी गोठ ओपन कर एक घड़ी।।
पोस्ट उपर पोस्ट एक किलिक म खोजे गढ़ लंका...

व्याकरन मानक सुध-असुध के झुला-झांझरी म झन पड़।
संगवारी तोर खत ल मै पढ़थवं मोर खत ल तै पढ़।
दया-मया सोर संदेशा बगरन दे छोड़ भासाविद के संका...

-  जयंत साहू
डूण्डा - रायपुर छत्तीसगढ़ 492015

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